शिमला
हिमाचल प्रदेश जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश के कर्मियों पर लागू करने हेतु 3 जनवरी को जारी की गई अधिसूचना के तहत वेतन निर्धारण में कई खामियां हैं ।
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एल ड़ी चौहान ने कहा कि प्रदेश में वेतन आयोग की सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर हूबहू लागू किया जाना चाहिए था जबकि अधिसूचना के साथ जारी फिटमेंट टेबल के आधार पर ऐसा नही हुआ है, क्योंकि वर्ष 2012 में पंजाब की तर्ज पर वेतन आयोग की सिफारिशों को हिमाचल प्रदेश में भी पुनः निर्धारण किया गया था उसमें इनिशियली पंजाब की तर्ज पर नही दिया गया था। उदाहरण के तौर पर जिस श्रेणी को पंजाब में 4200 ग्रेड पे दिया गया था उसकी इनिशियली प्रारम्भ 16290 थी जबकि हिमाचल प्रदेश में उसकी इनिशियली प्रारम्भ 14500 की गई, जिसका खामियाजा आज छठे वेतन आयोग में भुगतना पड़ रहा है ।
एल ड़ी चौहान ने सरकार से मांग की कि पंजाब की तर्ज पर प्रदेश के कर्मचारियों हेतु भी 15℅ ऑप्शन को जारी रखा जाए, इसको छुपाकर कर्मियों को गुमराह न किया जाए बल्कि इस वेतन आयोग की अधिसूचना के तहत समक्ष आ रही खामियों पर पुनर्विचार किया जाए। प्रदेश का हर कर्मचारी मानता है कि 21 प्रतिशत अंतरिम राहत वर्ष 2016 से मिलने की वजह से बेशक उनकी इच्छानुसार वेतन बढ़ौतरी नही हो सकती लेकिन, पंजाब की तर्ज पर ही तीनों ऑप्शन को जारी किया जाए व 2012 में पंजाब की तर्ज पर ही इनिशियल प्रारम्भ के तहत वेतन निर्धारण किया जाए। चौहान ने मुख्यमंत्री से मांग रखी है कि प्रदेश के कर्मियों को मिल रहे पुराने भत्तों को इस वेतन आयोग में दुगुना किया जाए तथा 4-9-14 वेतन वृद्धि सहित तकनीकी श्रेणियों की ग्रेडेशन को जारी रखा जाए।