कृषि विभाग के तहत गठित विशेषज्ञ समूह की बैठक में कृषि एवम बागवानी को लेकर मंथन
शिमला।
उत्तम भौगोलिक स्थिति और जलवायु में उत्पन्न प्रदेश के उत्पादों में उच्चतम गुणवत्ता पाए जाने के बावजूद विपणन के लिए व्यापक बाजारों की आवश्यकता है ताकि उत्पादकों को अच्छे दाम मिल सके। हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के तहत गठित हिमाचल प्रदेश विशेषज्ञ समूह व समिति के अध्यक्ष एवं नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने आज यह जानकारी होटल होलीडे होम में आयोजित विशेषज्ञ समूह की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि बैठक में इस संबंध में चर्चा कर सुझाव दिए जाएंगे और आने वाले समय में नीति आयोग के तहत भी अनुशंसा प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि एवं बागवानी तथा सम्बद्ध कार्यों से जुड़े विभागों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों, बागवानों की आय की दुगुना करने के लिए सक्रियता से प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के तहत प्रदेश में मौजूदा बीजों की क्षमता को जैव विविधता के आधार पर अपनाने का प्रयास करना चाहिए, जो कृषकों के हित में होगा। उन्होंने कहा कि बैठक में कृषि व बागवानी कार्यों से संबंधित विभिन्न विभागों के विकास कार्यों की जानकारी मिली, जिससे हिमाचल प्रदेश में कृषि व सम्बद्ध कार्यों के प्रति जानकारी प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के लिए समग्र योजनाएं बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाए ताकि ग्रामीणों व कृषकों के लिए फायदेमंद हो।
बैठक में सचिव कृषि डाॅ. अजय शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों, योजनाओं व अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
निदेशक कृषि डाॅ. आर.के. प्रुथी ने किसानों व कृषकों के लिए विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए आज की बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।
चैधरी श्रवण कुमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति डाॅ. एच.के. चैधरी ने हिमाचल प्रदेश में कृषि पूर्वालोकन एवं आगामी संभावनाओं पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि किसानों की दिशा को बदलने की संभावनाओं के प्रयास करेंगे, तभी निश्चित तौर पर किसानों की दशा बदलेगी।
मुख्य महाप्रबंधक राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दिनेश रैना ने नाबार्ड के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के द्वारा प्रदेश में कृषि और ग्रामीण विकास के सुदृढ़ीकरण में किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी।
प्रबंध निदेशक, हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड नरेश ठाकुर ने विपणन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विपणन के लिए पर्याप्त अधोसंरचना का होना आवश्यक है तभी उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
निदेशक बागवानी जेपी शर्मा ने भी विभागीय कार्यों की जानकारी दी।
निदेशक पशुपालन डाॅ. अजमेर सिंह डोगरा तथा निदेशक मत्स्य पालन सतपाल मेहता ने भी विभागीय कार्यों की जानकारी दी।